कुनमिंग में हुई बैठक, बांग्लादेश की भूमिका भी चर्चा में
🗓️ 30 जून 2025 | ✍️ अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो
🧭 क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान और चीन एक नए क्षेत्रीय संगठन की रूपरेखा पर काम कर रहे हैं, जो दक्षिण एशिया के लगभग निष्क्रिय हो चुके दक्षेस (SAARC) संगठन की जगह ले सकता है।
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इस दिशा में दोनों देशों के बीच बातचीत अंतिम चरण में बताई जा रही है।
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रिपोर्ट के अनुसार, यह नया संगठन क्षेत्रीय संपर्क, व्यापार और सहयोग को मजबूत करेगा।
🇨🇳 कहाँ हुई बैठक?
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हाल ही में चीन के कुनमिंग शहर में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अधिकारियों की त्रिपक्षीय बैठक हुई।
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यह बैठक साझा रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने की कूटनीतिक कोशिशों का हिस्सा बताई जा रही है।
🗣️ बांग्लादेश ने क्या कहा?
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने किसी भी “राजनीतिक गठबंधन” के विचार से इनकार किया है।
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विदेश मामलों के सलाहकार एम. तौहीद हुसैन ने स्पष्ट कहा:
“हम कोई गठबंधन नहीं बना रहे हैं। यह बैठक राजनीतिक नहीं थी।”
📌 नया संगठन किन देशों को जोड़ सकता है?
सूत्रों के अनुसार:
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भारत को भी इस प्रस्तावित मंच में शामिल होने का निमंत्रण दिया जाएगा।
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श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान जैसे दक्षेस सदस्य भी इसका हिस्सा हो सकते हैं।
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मुख्य उद्देश्य होगा – व्यापार, ट्रांजिट और क्षेत्रीय जुड़ाव को बढ़ावा देना।
🕰️ SAARC क्यों हुआ निष्क्रिय?
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2014: अंतिम दक्षेस शिखर सम्मेलन काठमांडू में हुआ था।
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2016: अगला सम्मेलन इस्लामाबाद में तय था, लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने भाग नहीं लिया।
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बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी बहिष्कार किया, जिससे शिखर बैठक रद्द हो गई।
🧩 क्या यह दक्षेस का विकल्प होगा?
यदि यह प्रस्ताव मूर्त रूप लेता है, तो यह नया संगठन दक्षेस की जगह ले सकता है, जिसे भारत-पाक तनाव के कारण लंबे समय से ठप माना जा रहा है।
यह क्षेत्रीय कूटनीति में बड़ा बदलाव साबित हो सकता है, खासकर अगर भारत इस समूह से दूरी बनाता है।
✍️ निष्कर्ष:
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चीन और पाकिस्तान का यह कदम दक्षिण एशिया में रणनीतिक ध्रुवीकरण को और तेज़ कर सकता है।
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अब सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि भारत क्या स्टैंड लेता है, और क्षेत्रीय राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।