📍 पुलिस पर पथराव, बसों में तोड़फोड़, कई गाड़ियों को किया आग के हवाले
🗓️ 30 जून 2025 | 🖊️ उत्तर प्रदेश डेस्क
📌 क्या हुआ प्रयागराज में?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रविवार को भीम आर्मी के प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को कौशाम्बी जाने से पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद हिंसक बवाल देखने को मिला।
➡️ समर्थकों की उग्र भीड़ ने करीब 2 घंटे तक करछना क्षेत्र में खुला तांडव किया।
🧱 कैसे भड़की हिंसा?
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चंद्रशेखर आज़ाद प्रयागराज से कौशांबी जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रयागराज में ही हाउस अरेस्ट कर लिया।
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इसके विरोध में उनके समर्थकों ने करछना और भड़ेवरा बाजार में हिंसा फैलाई।
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भीड़ ने:
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पुलिस वाहनों पर हमला किया
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डायल 112 की गाड़ी पलट दी
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रोडवेज की बसों और निजी गाड़ियों में तोड़फोड़ की
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कई बाइकों को आग के हवाले कर दिया
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आम नागरिकों पर भी ईंट-पत्थर बरसाए
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🚨 पुलिस की प्रतिक्रिया:
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3:30 बजे के आसपास हिंसा शुरू हुई, जिसमें पुलिस बल मौके से पीछे हट गया।
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5:30 बजे तक, एडिशनल CP (अपराध) डॉ. अजयपाल शर्मा ने पीएसी और अतिरिक्त बल के साथ हालात पर काबू पाया।
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घटनास्थल पर तीन थानों की पुलिस और PAC तैनात की गई।
🛡️ अब तक क्या कार्रवाई हुई?
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20 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है।
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CCTV फुटेज के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान जारी।
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प्रशासन ने चेतावनी दी कि:
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हिंसा में शामिल लोगों पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) और गैंगस्टर एक्ट लगेगा।
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सरकारी संपत्ति के नुकसान की वसूली आरोपियों से की जाएगी।
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📷 घटनास्थल की स्थिति:
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सड़कें पत्थरों और जली गाड़ियों से पटी पड़ी हैं।
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दुकानों में अफरा-तफरी का माहौल, बाजारों में सन्नाटा।
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प्रशासन ने अस्थायी इंटरनेट बंद और ड्रोन से निगरानी के आदेश दिए हैं।
✍️ निष्कर्ष:
प्रयागराज की हिंसा ने यह दिखा दिया कि किस तरह एक राजनैतिक घटना भी आम जनता और कानून-व्यवस्था को संकट में डाल सकती है। अब पुलिस प्रशासन पर यह जिम्मेदारी है कि वह जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार कर कानून का भय स्थापित करे।
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