प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक नाबालिग दलित लड़की को बहला-फुसलाकर केरल ले जाया गया। पुलिस का दावा है कि लड़की को पहले धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया और फिर उसे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश रची जा रही थी। इस मामले में पुलिस ने एक महिला और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी महिला, जो पहले से ही संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाई गई थी, ने लड़की से दोस्ती कर उसे “बेहतर जीवन” और “धार्मिक मार्गदर्शन” का झांसा देकर अपने साथ केरल ले गई। वहाँ लड़की को जबरन इस्लाम कबूल करवाने की कोशिश की गई, और कट्टरपंथी संगठनों से संपर्क कराया गया।
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब लड़की के परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट प्रयागराज के थाने में दर्ज करवाई। जांच में सामने आया कि लड़की के मोबाइल लोकेशन आखिरी बार केरल में ट्रैक की गई थी। तत्परता दिखाते हुए प्रयागराज पुलिस ने केरल पुलिस से संपर्क कर संयुक्त ऑपरेशन चलाया और लड़की को सुरक्षित बचा लिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं और इस मामले में अंतरराज्यीय कट्टरपंथी नेटवर्क के जुड़े होने की आशंका है। जांच एजेंसियां अब साइबर रिकॉर्ड, कॉल डेटा और सोशल मीडिया चैट्स को खंगाल रही हैं ताकि पूरी साजिश का खुलासा हो सके।
प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि नाबालिगों के शोषण और जबरन धर्मांतरण की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
लोगों से अपील की गई है कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
📌 मुख्य बिंदु:
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नाबालिग दलित लड़की को सोशल मीडिया के ज़रिए बहलाया गया
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केरल में धर्मांतरण और आतंकी संगठन से जोड़ने की साजिश
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प्रयागराज पुलिस और केरल पुलिस के संयुक्त अभियान से लड़की को रेस्क्यू किया गया
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एक महिला और उसका पुरुष साथी गिरफ्तार
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मामले में अंतरराज्यीय नेटवर्क की जांच जारी