📍 80 से अधिक परिवारों से की मुलाकात, न्याय और सम्मान का वादा
📌 मुख्य बिंदु:
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आतंकवाद से पीड़ित कश्मीरी परिवारों को 1 महीने के भीतर सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता।
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जिन मामलों में FIR नहीं दर्ज, वहां अब मुकदमे दर्ज होंगे।
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कब्जाई गई ज़मीन और संपत्तियों को छुड़ाने के लिए भी कार्रवाई की जाएगी।
🧑⚖️ LG मनोज सिन्हा का ऐलान:
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा:
“जो भी सरकारी नौकरी के पात्र हैं, वे अपने दस्तावेज़ संबंधित उपायुक्त (DC) को प्रस्तुत करें। उन्हें 1 महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले की सरकारों ने इन पीड़ित परिवारों की कभी सुनवाई नहीं की, लेकिन अब उन्हें न्याय, रोज़गार और सम्मान मिलेगा।
🕯️ 80 से अधिक आतंक पीड़ित परिवारों से सीधा संवाद
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LG सिन्हा ने 80+ परिवारों से प्रत्यक्ष बातचीत की।
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उन्होंने पाक प्रायोजित आतंकवाद से मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों को सम्मानित किया।
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यह कदम उन हजारों कश्मीरियों को मान्यता देने की दिशा में उठाया गया है जिन्हें अब तक भुला दिया गया था।
🧩 पहली बार खुले मंच पर स्वीकार किया गया सच:
LG सिन्हा ने कहा:
“यह चौंकाने वाला था कि 2019 से पहले आतंकियों के अंतिम संस्कार होते थे, लेकिन उनके द्वारा मारे गए निर्दोष नागरिकों को भुला दिया गया।”
उन्होंने कहा कि अब:
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FIR दर्ज नहीं हुई तो दर्ज की जाएगी
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ज़मीन व संपत्ति पर अतिक्रमण हटाया जाएगा
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स्व-रोज़गार के लिए मदद मिलेगी
🇮🇳 भारत सरकार की प्रतिबद्धता:
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पीड़ित परिवारों को पारदर्शिता और न्याय दिलाना
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आतंकी तंत्र और उनके समर्थकों को बेनकाब करना
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अब सच को दबाया नहीं, बल्कि सामने लाया जाएगा
🗣️ LG सिन्हा का संदेश:
“सैकड़ों परिवार अब खुलकर कह पा रहे हैं कि उनके परिजनों को पाकिस्तानी आतंकियों ने मारा था।
भारत सरकार अब उनकी आवाज़ को बुलंद करेगी और उनकी पीड़ा को पहचान देगी।”
📍 रिपोर्ट: जम्मू ब्यूरो
🗓️ तारीख: 30 जून 2025
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