नई दिल्ली/पहलगाम, अप्रैल 2025:
जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा और निर्णायक रुख अपनाया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 25 भारतीय नागरिक और 1 नेपाली नागरिक शामिल हैं। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है।
प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी आधिकारिक यात्रा को बीच में ही छोड़कर भारत लौटने का फैसला लिया। दिल्ली लौटते ही उन्होंने एयरपोर्ट पर ही एक आपात बैठक की जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव विक्रम मिस्री मौजूद थे। इस बैठक में हमले की प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
भारत सरकार की कड़ी कार्रवाई:
-
सिंधु जल संधि का निलंबन: भारत ने पाकिस्तान के साथ 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। पाकिस्तान ने इस कदम को युद्ध जैसी कार्रवाई बताया है।
-
वीजा सेवाओं पर रोक: भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं और देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
-
राजनयिक संबंधों में कटौती: भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटा दिया है और मुख्य सीमा पार बिंदु को भी बंद कर दिया गया है।
सेना और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कश्मीर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की जांच शुरू कर दी है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन समेत कई देशों ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ एकजुटता प्रकट की है।
आगे क्या?
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब सैन्य या गुप्त कार्रवाई कर सकता है। यह हमला केंद्र सरकार की आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ की परीक्षा बनकर सामने आया है।