जयशंकर ने दोहराया कि अमेरिकी मुद्रा को कमज़ोर करना भारत की आर्थिक या रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं है
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह ब्रिक्स (BRICS) समूह के भीतर डॉलर पर निर्भरता कम करने के किसी भी प्रयास में भाग नहीं लेगा। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का उद्देश्य अमेरिकी मुद्रा को कमज़ोर करना नहीं है और यह उसकी आर्थिक या रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने इस मामले को लेकर द्विपक्षीय चर्चाओं में अमेरिकी अधिकारियों को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है।
जयशंकर ने यह बयान ऐसे समय में दिया जब वैश्विक मंचों पर डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने की बात हो रही है। खासकर ब्रिक्स देशों, जिनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, ने डॉलर के स्थान पर अन्य मुद्राओं का उपयोग बढ़ाने की बात की थी। हालांकि, भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह इन प्रयासों में शामिल नहीं होगा। भारत का मानना है कि अमेरिकी डॉलर वैश्विक व्यापार और वित्तीय प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण और स्थिर मुद्रा है।
भारत की नीति का उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना है, और वह किसी भी ऐसे कदम से बचने का प्रयास करेगा जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली में अस्थिरता पैदा कर सकता हो।
भारत ने द्विपक्षीय चर्चाओं में अमेरिकी अधिकारियों से यह भी कहा कि उसे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने के बारे में कोई इरादा नहीं है, और इस संदर्भ में भारत की प्राथमिकता अपने राष्ट्रीय हितों और स्थिरता को बनाए रखना है। इसके अलावा, भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी आर्थिक नीति में किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा और अपनी स्वतंत्र नीति बनाने में सक्षम रहेगा।